Samudra Ka Pani Khara Kyon Hota Hai: दोस्तों हमारी पृथ्वी पर अनेक रहस्य हैं जिसे आज तक कोई सुलझा नहीं पाया हैं। सूरज का उगना फिर अस्त होना, रात होना दिन होना, रात को चांद उगना यह सभी अपने आप हो या रहा हैं या फिर कोई इसे कर रहा हैं यह अभी तक लाेगों के समझ से बाहर वैसे तो सभी को पता ही हैं कि यह सभी भगवान के होने के कारण। लेकिन आज हम आपको एक अजीबो गरीब रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सबूत पौराणिक कथाओं के अनुसार इंसान को पता लग रहा हैं जीहां समुद्र का पानी खारा क्यों होता है।
तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी टॉपिक के बारे में जानेगें कि आखिर क्या वजह हैं कौनसी पौराणिक कहानी हैं।
Samudra Ka Pani Khara Kyon Hota Hai in Hindi
समुद्र का पानी खारा क्यों होता है (Samudra Ka Pani Khara Kyon Hota Hai) इसके पीछे बहुत से कारण हैं जिनमे से एक कारण हैं कि समुद्र में नमक की मात्रा अधिक हैं इसलिए भी समुद्र का पानी खारा हो सकता हैं लेकिन आज हम आपको एक पौराणिक कथा के बारे में बता रहे हैं जिससे भी हमें पता लग पायेगा कि समुद्र का पानी खारा क्यों होता हैं। उससे पहले कुछ जरूरी जानकारी भी जान ली। क्या आपको पता हैं कि लाखों साल पहले समुद्र का पानी मनुष्य के लिए पीने योग्य था और सभी मनुष्य समुद्र के पानी से ही अपनी प्यास बुझा सकते थे।
दोस्तों आज के समय पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों में पानी की किल्लत हो रही हैं ऐसे में साइंस के पास यह सबसे बड़ा टॉस्क हैं कि पानी की किल्लत को कैसे दूर किया जायें। वैसे तो धरती पर जमीन से ज्यादा पानी की मात्रा हैं लेकिन मीठे पानी की मात्रा बहुत कम हैं। समुद्र में पानी की कोई कमी नहीं हैं और लगभग 71 प्रतिशत हिस्सों पर समुद्र का पानी ही हैं लेकिन इसमें पानी खारा होने की वजह से यह पीने योग्य नहीं हैं। तो अब जान लेते हैं कि यह पानी खारा क्यों हो गया।
पार्वती के तपस्या की कहानी
दोस्तों पुराने समय की बात हैं और शिव महापुराण के अनुसार माता पार्वती जो कि हिमालय की पुत्री हैं। भगवान शिव से विवाह करने की इच्छा से माता पार्वती कठोर तपस्या करने लगी और तपस्या करते-करते इतना तेज निकला कि तीनों लोकों में माता का तेज बहने लगा और तीनो लोक डर के मारे थर-थर कॉंपने लगे। सभी देवता डर के मारे इस समस्या का निवारण ढूढने लगे लेकिन तभी समुद्र देवता भी माता पार्वती के पास गये और माता पार्वती को देखकर समुद्र देवता माता पर मोहित हो गये।
तो समुद्र ने माता पार्वती से कहा कि मैं आपसे विवाह करना चाहता हॅू क्या आप समुद्र की रानी बनने के लिए तैयार हों। लेकिन माता पार्वती तो पहले से ही भगवान शिव की पत्नी हैं क्योंकि उन्होनें सती के रूप में पहले से ही भगवान शिव से विवाह किया हुआ था ओर यह इनका दूसरा जन्म हैं इसलिए इस जन्म में भी माता पार्वती भगवान शिव को ही अपना पति मानती हैं और इसलिए ही तपस्या कर रही हैं। माता ने यह सारी बात समुद्र देव को बताई तो समुद्र देव तो माता पर मोहित थे इसलिए उन्हें घुस्सा आने लगा और भगवान शिव को भी बुरा भला करने लगे।
माता पार्वती ने समुद्र देव श्राप क्यों दिया
समुद्र ने शिवजी का अपमान करते हुये कहा कि उसमें ऐसा क्या हैं जो मुझमें नहीं हैं, मैं सभी मनुष्यों की प्यास बुझाता हॅू और मैं दूध की तरह सफेद हॅू। आप मुझसे विवाह करो और समुद्र की रानी बन जाओं। भगवान महादेव का अपमान होते देख माता पार्वती अत्यधिक क्रोधित हो गई और बड़े ही गुस्से से माता ने समुद्र देव को श्राप दे दिया कि जिस मीठे पानी पर तुम्हें इतना अभिमान/घमण्ड हैं वह खारा हो जाएगा और तुम्हारा पानी अब किसी भी मनुष्य के लिए पीने योग्य नहीं रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तब से ही समुद्र का पानी खारा हो गया था अब तक भी यह खारा ही और मनुष्य के लिए यह पीने योग्य नहीं रहा। तो दोस्तों अब आपको पता लग गया होगा कि Samudra Ka Pani Khara Kyon Hota Hai. यह आर्टिकल केवल मान्यताओं के बेस पर लिखा गया हैं हम किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं। आप भी अपनी राय कमेन्ट जरूर देवें।
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